सोमवार, २९ सप्टेंबर, २०१४

झील

तूम फूल हो तुम बाग हो
तुम हो बलाकी जादूगर
तुम धूप हो तुम छाँव हो
तुम झील हो तुम्ही सागर
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तुम जुल्फ की घनी रातें
तुम मुस्कराता उजियारा
तुम खुशबू पहले बारिश की
तुमको देखे वो दिल हारा
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तुम हुस्न का नया परचम
तुम हो बलाकी अलबेली
नाराज़ फरिश्ते फिरते हैं
उनकी अदा तुमने ले ली
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तुष्की नागपुरी
नागपूर, २६ सप्टेंबर २०१४, २३:३०